indian cinema heritage foundation

Nai Maa (1960)

Subscribe to read full article

This section is for paid subscribers only. Our subscription is only $37/- for one full year.
You get unlimited access to all paid section and features on the website with this subscription.

Subscribe now

You can access this article for $2 + GST, and have it saved to your account for one year.

  • FormatB-W
  • LanguageHindi
  • Length81.99 meters
  • Gauge35 mm
  • Censor RatingU
  • Censor Certificate NumberU-30718-MUM
  • Certificate Date01/10/1960
  • Shooting LocationKadar Studios, Bombay
Share
44 views

नई माँ आम तौर पर उसी माँ का नाम है जिसे दुनिया आज तक सौतेली माँ कह कर पुकारा करती है। यह नाता बड़ा ही खतरनाक साबित हुआ है। इसमें दुनिया भर की बेचैनियां भरी पड़ी हैं। आहें हैं, शिकवे हैं, आँसुओं के रेले हैं।

बच्चा आखिर बच्चा ही होता है। उसके कमजोर बाजुओं में इतनी ताकत कहाँ जो बहती धारा को रोक सके, लोहे को पिघला सके और नामुमकीन को मुमकिन बना दे।

हमारी कहानी में उसी तरह का बच्चा है। जब दुनिया में उसकी आँखें खुलीं तो उसने अपने करीब एक ऐसी मां को पाया जो कदम कदम पर उसकी रहबर थी। मगर उसे अपने बाप की जुदाई खाये जा रही थी, जो अपनी गरीबी के सबब उससे दूर था। आठ साल की कठिन जुदाई के बाद उसका बाप इस काबिल हुआ कि वह उन्हें अपने घर ले जा सके। यहां आते ही उसकी नौकरी छूट गयी। मगर यह राज़ उसने छुपाये रखा कि कहीं उसकी बीमार बीवी और लड़का ये खबर सुनते ही किसी सदमे का शिकार न हो जायें। वह इसी कोशिश में सर गर्म था कि अचानक उस पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। वह बेगुनाह होते हुए भी गुनाहगार साबित हुआ। उसे सवा महीने की सादी कैद की सजा सुनाई गई। उसकी बीवी और बच्चा इसी ख्याल में थे कि यह एक महीने के लिए कलकत्ता गया हुआ है। मगर ये झूठी तसल्ली कब तक उन्हें सकून पहुँचा सकती थी। आखिरकार पता चल ही गया और उसकी बीवी उसी सदमे से मौत का शिकार हो गयी।

अब वह बच्चा अकेला हो गया। उसके बाप ने उसकी भलाई की खातिर दूसरी शादी से इन्कार कर दिया। मगर हालत ने कुछ ऐसा पलटा खाया कि वह बच्चा खुद ही बोल उठा कि मुझे अब नयी मां की जरूरत है।

जब वह नयी मां उसके घर आयी तो कदम-मदम पर उसे बच्चे के खिलाफ उसकी आया भड़काया करती थी। उधर उस नयी मां की हरकतों ने बच्चे को तंग करना शुरू किया। मगर उस मासूम ने कभी भी अपने बाप से शिकायत नहीं की, यहां तक कि उसके घर में एक और चिराग रोशन हो गया और वह था उसका छोटा भाई।

मुन्ना के आते ही बच्चे को उम्मीद हो चली थी कि अब उस नयी मां में मां बनने के बाद मां की तरह सलूक करने का ख्याल पैदा हो जायेगा। उसकी नयी मां वही थी उसके सलूक में जुल्म में कोई तबदीली नहीं हुई, बल्कि उसके जुल्म और भी बढ़ गये।

अब वह बच्चा बेबसी का तस्वीर बना हुआ था।

इन सब बेचैनियों को दूर करने के लिए आप की खिदमत में "नई माँ" हाजिर हुई है।

(From the official press booklet)

Cast

Crew

Subscribe now